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श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर

श्रेणी एडवेंचर, ऐतिहासिक, धार्मिक, प्राकृतिक / मनोहर सौंदर्य

श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर

श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर (जिसे आदि हिमानी चामुंडा देवी मंदिर या संक्षेप में हिमानी चामुंडा भी कहा जाता है) देवी चामुंडा देवी को समर्पित एक प्राचीन और पूजनीय हिंदू मंदिर है। चामुंडा देवी शक्ति की उग्र रूप हैं (सात मातृकाओं में से एक तथा एक महाविद्या)। इसे देवी का मूल (आदि) और अधिक शक्तिशाली निवास स्थान माना जाता है, जो बर्फीले (हिमानी) धौलाधार पर्वतों में ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर नीचे की घाटी में स्थित अधिक सुलभ श्री चामुंडा देवी मंदिर (चामुंडा नंदिकेश्वर धाम) से अलग है, जो बाद में आसान पूजा के लिए स्थापित किया गया था।

स्थान एवं पहुंच हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में चंदर भान के निकट जिया गांव में लगभग 3,185 मीटर (10,450 फीट) की ऊंचाई पर स्थित। धर्मशाला-पालमपुर राजमार्ग पर प्रसिद्ध चामुंडा देवी मंदिर के उत्तर-पूर्व में। केवल ट्रेकिंग से ही पहुंचा जा सकता है: एक तरफ 9–13 किमी (ऊपर की ओर 5–7 घंटे), मध्यम से कठिन स्तर। मुख्य मार्ग: जिया गांव (नागरोटा बगवान के पास) या जदरांगल/कारडियाना (अंतिम मोटर योग्य बिंदु) से। रास्ते में पत्थर की सीढ़ियां, जंगली रास्ते, घास के मैदान और तीव्र चढ़ाई शामिल हैं। निकटतम शहर: धर्मशाला (~30–40 किमी), पालमपुर (~20–30 किमी), कांगड़ा।

निकटतम हवाई अड्डा: गग्गल (कांगड़ा) एयरपोर्ट; रेलवे: पठानकोट या कांगड़ा स्टेशन।

इतिहास एवं कथा

यह मंदिर कम से कम 17वीं शताब्दी का है, जो कटोच राजवंश के राजा चंदर भान चंद कटोच (मृत्यु 1660) के महल के खंडहरों के पास स्थित है। सदियों की उपेक्षा के बाद 1990 के दशक में भक्त पी.डी. सैनी और स्थानीय लोगों द्वारा पुनर्निर्मित; 2014 में आग/बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त हुआ और उसके बाद फिर से बनाया गया। पौराणिक कथा: यहीं पर देवी चामुंडा ने राक्षस चंड और मुंड का वध किया था, शिखर से चट्टानें फेंककर (एक चट्टान कथित तौर पर घाटी मंदिर के शिव मंदिर के पास दिखाई देती है)। इसे देवी का आदि स्थान माना जाता है; घाटी का मंदिर बाद में बनाया गया जब ऋषियों ने दैनिक पूजा के लिए अधिक सुलभ स्थान की मांग की। चामुंडा देवी बुराई पर विजय, रक्षा और तांत्रिक शक्ति का प्रतीक हैं।

महत्व एवं पूजा

सिद्ध पीठ (शक्तिशाली आध्यात्मिक स्थल) जहां शत्रुओं या बाधाओं से मुक्ति के लिए दिव्य हस्तक्षेप की कामना की जाती है। घाटी के मंदिर की तुलना में शांत और कम भीड़भाड़ वाला—प्रकृति के बीच ध्यान के लिए आदर्श। सुविधाएं: बुनियादी विश्राम गृह (सराय) जिसमें बिस्तर/बर्तन उपलब्ध; रास्ते में चाय की दुकानें (आधे रास्ते के बाद पानी साथ ले जाएं)। मौसमी रूप से खुला: 15 मार्च से 15 नवंबर तक (भारी बर्फबारी के कारण सर्दियों में बंद)। सबसे अच्छा समय: अप्रैल–जून या सितंबर–अक्टूबर (मानसून में फिसलन भरे रास्तों से बचें)।

चामुंडा देवी मंदिरों के आंतरिक भाग और मूर्ति के दृश्य (देवी के उग्र रूप के प्रतिनिधि)।

यह ट्रेक आध्यात्मिक तीर्थयात्रा को साहसिक यात्रा के साथ जोड़ता है, जो आगंतुकों को कांगड़ा घाटी और बर्फ से ढके शिखरों के लुभावने दृश्यों से पुरस्कृत करता है। यह शांति और शुद्ध दिव्य ऊर्जा की खोज करने वालों के लिए एक छिपा रत्न है।

फोटो गैलरी

  • Shri Aadi Himani Chamunda Temple
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