पोंग डैम
दिशाहिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के शिवालिक पहाड़ियों के आर्द्र भूमि पर ब्यास नदी पर बाँध बनाकर एक जलाशय का निर्माण किया गया है जिसे महाराणा प्रताप सागर नाम दिया गया है। इसे पौंग जलाशय या पौंग बांध के नाम से भी जाना जाता है। यह बाँध 1975 में बनाया गया था। महाराणा प्रताप के सम्मान में नामित यह जलाशय या झील एक प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है और रामसर सम्मेलन द्वारा भारत में घोषित 25 अंतरराष्ट्रीय आर्द्रभूमि साइटों में से एक है।जलाशय 24,529 हेक्टेयर (60,610 एकड़) के एक क्षेत्र तक फैला हुआ है, और झीलों का भाग 15,662 हेक्टेयर (38,700 एकड़) है।
पौंग जलाशय हिमाचल प्रदेश में हिमालय की तलहटी में सबसे महत्वपूर्ण मछली वाला जलाशय है। इस जलाशय में महासीर मछली अत्याधिकता मे पाई जाती है |
फोटो गैलरी
कैसे पहुंचें:
बाय एयर
गगल हवाई अड्डा, पोंग-बांध से केवल 75.9 किमी की दूरी पर स्थित है। यह हवाई अड्डा अक्सर उड़ानों के जरिए दिल्ली से जुड़ा हुआ है। दूरभाष.:01892-232374
ट्रेन द्वारा
निकटतम ब्रॉडगेज रेलवे स्टेशन पठानकोट कैंट (चक्की) पोंगडम से 70 किमी की दूरी पर है और नजदीकी नैरो गेज रेलवे स्टेशन नंदपुर भटौली रेलवे स्टेशन, बिरियाल रेलवे स्टेशन है। इसके अलावा, आप एक टैक्सी किराये पर ले सकते हैं, या सीधे बसें भी यहाँ के लिये उपलब्ध हैं| स्टेशन अधीक्षक पठानकोट : 01862-22041
सड़क के द्वारा
पोंग बांध नई दिल्ली से 466 किमी, चंडीगढ़ से 170 किलोमीटर, अमृतसर से 110 किलोमीटर, धर्मशाला से 55 किलोमीटर की दूरी पर है। आप दिल्ली के आईएसबीटी से कांगड़ा तक एचआरटीसी वोल्वो बस ले सकते हैं और कांगड़ा से आप स्थानीय बसों द्वारा पोंग बांध पहुँच सकते हैं या आप टैक्सी स्टैंड कांगडा से किराए पर टैक्सी भी ले सकते हैं| बस स्टैंड पठानकोट : 01862-226966