त्रियुंड धर्मशाला का मुकुट है, धौलाधार के पहाड़ों की गोद में स्थित है, इसके एक तरफ से धौलाधार के पहाड़ और दूसरी तरफ कांगड़ा घाटी नजर आती है। त्रियुंड एक बहुत लोकप्रिय ट्रैकिंग स्थान है त्रियुंड भारत और दुनिया भर से हर साल बहुत से पर्यटकों को आकर्षित करता है| त्रियुंड ट्रेक को एक शांत ट्रेक के रूप में वर्णित किया जा सकता है जिसे लगभग सभी आयु वर्गों द्वारा आसानी से पूरा किया जा सकता है। त्रियुंड एक अनोखा रास्ता है जो ओक, देवदार और गुरांस (रोडोडेंड्रोन) के सुंदर मिश्रित जंगल के मध्य से होके जाता है। पहले पांच किलोमीटर के लिए रास्ता काफी आसान है, लेकिन अंतिम एक किलोमीटर के रस्ते लिए परिश्रम की आवश्यकता हो सकती है, आखिरी एक किलोमीटर को लोकप्रिय रूप से “22 मोड़” कहा जाता है क्योंकि इसमें 22 छोटे बड़े मोड़ हैं| त्रियुंड में एक विश्राम गृह भी है जो जंगलात विभाग(पर्यावरणीय पर्यटन) के अंतर्गत आता है, ट्रैकर यहाँ रात भी बिता सकते हैं, या अपने टेंट लगा कर भी प्रकृति का आनंद ले सकते हैं| त्रियुंड ट्रेक की शुरुआत गलू से होती है या आप मक्लोडगंज से भी अपना ट्रेक शुरू कर सकते हैं|