मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना (हि.प्र.)
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना।
चाहे सरकारी सेक्टर हो या प्राइवेट सेक्टर, इन दोनों ही क्षेत्र में पर्याप्त रोजगार का अभाव हैं,इस कारण स्व-रोजगार को बढावा देने की बहुत आवश्यकता हैं। हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार ने इसी दिशा में कदम उठाते हुए राज्य के युवाओं के लिए नई योजना की घोषणा की है। ये प्रोजेक्ट ना केवल स्व-रोजगार की संभावनाओं को तलाशेगा बल्कि इससे सम्बन्धित सभी लोगों को प्रोत्साहन भी देगा। इस तरह से मुख्यमंत्री युवा स्वावलम्बन या सीएम युवा स्वावलंबन नाम की ये योजना स्व-रोजगार के क्षेत्र में नयी नोकरीयों की सम्भावनाओं को तलाशेगी। इसी योजना के साथ कई योजनाओं की घोषणा की गई है। खासतौर पर गृहणी सुविधा योजना जो कि सेंट्रल की उज्जवला योजना की तरह प्रादेशिक स्तर पर कार्य करेगी।
प्रक्षेपण विवरण
योजना सम्बन्धित पहली घोषणा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने 25 मई 2018 को की थी. हिमाचल की कैबिनेट ने ये भी कहा हैं कि योजना का क्रियान्वयन जल्द से जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
योजना के मुख्य लाभ
रोजगार की तलाश में भटकते युवाओं को अपनी योग्यता के अनुसार रोजगार नही मिल पाता या कई बार तो सम्भावना ही नहीं बनती,लेकिन यदि वो अपना ध्यान स्व-रोजगार की तरफ लगाये तो जॉब की कमी को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट को लागू करने के साथ ही राज्य के युवाओं को अपना बिजनेस सेट करने में बहुत सहायता मिलेगी।
योजना की मुख्य विशेषताएं
युवाओं को प्रोत्साहन देना
इस योजना को लागू करने के पीछे यही है कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य युवाओं को स्व-रोजगार के लिए प्रेरित किया जा सके,और वो अपना व्यवसाय शुरू करने में रूचि दिखाए।
जॉब की कमी को कम करना
इस प्रोजेक्ट को लागू करने के साथ ही राज्य में नोकरी की कमी की जो समस्या है वो समाप्त हो जायेगी। युवा नौकरी की तलाश में भटकने के स्थान पर अपने खुद का बिजनेस शुरू कर सकेंगे, जिससे उन्हें कही नौकरी नहीं करनी पड़ेगी बल्कि खुद का व्यवसाय शुरू करके वो रोजगार उपलब्ध करवाने वाले नियोक्ता भी बन सकते हैं। इस तरह से वो यदि खुद का बिजनेस स्थापित करेंगे तो उन्हें ज्यादा नौकरी खोजने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि वो खुद बेरोजगारों को रोजगार दे सकेंगे।
किराए पर सरकारी जमीन
यदि कोई सेल्फ-एम्प्लोयेड व्यक्ति जमीन चाहे तो वो इसके लिए सरकार की मदद ले सकता है यदि उसे हि.प्र.सरकार का अनुमोदन मिल जाता है और वो सरकारी जमीन को किराए के तौर पर लेना चाहे तो राज्य सरकार उस जमीन के वास्तविक रेट का केवल 1 % तक ही चार्ज करेगी।
स्टाम्प ड्यूटी में कमी
युवाओं को स्व-रोजगार स्कीम में ज्यादा से ज्यादा भाग लेने के लिए प्रेरित करने के लिए सरकार उनके द्वारा भरी जाने वाली स्टाम्प के राशि को भी कम करेगी। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत यदि कोई जमीन खरीदना चाहे तो 6% की जगह 3% तक की स्टाम्प ड्यूटी ही देनी होगी।
योग्यता नियम
विशेष उम्र के प्रतिभागियों के लिए– हिमाचल प्रदेश का कोई भी मूल निवासी जिसकी उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच है वो इस रोजगार योजना में आवेदन कर सकता है।
सब्सिडी के तहत नियम
पुरुष निवेशक के लिए सब्सिडी
यदि कोई पुरुष एंटरप्रेन्योर अपना बिजनसे शुरू करना चाहता हैं और इसके लिए वो 40 लाख तक का इन्वेस्टमेंट करना चाहता हैं तो उसे सरकार की तरफ से मशीनरी कॉस्ट पर विशेष सब्सिडी दी जायेगी ये सब्सिडी 25 % तक उपलब्ध होगी।
महिला निवेशक के लिए सब्सिडी
यदि कोई महिला कैंडीडेट अपना बिजनसे शुरू करना चाहती हैं तो सरकार उसकी खरीद की आवश्यकता के अनुसार कॉस्ट मशीनरी पर 30% तक की सब्सिडी प्रदान करेगा, हालांकि उसका इन्वेस्टमेंट 40 लाख से कम नहीं होना चाहिए।
क्रेडिट पर इंटरेस्ट सब्सिडी
इंट्रेस्टेड कैंडिडेट जो अपना बिजनेस सेट करना चाहते हैं उनके लिए भी लोन उपलब्ध होगा. यदि कोई अभ्यर्थी 40 लाख के मार्जिन तक का लोन लेता है तो उसे लोन के इंटरेस्ट पर 5 % तक की सब्सिडी भी मिलेगी. यह 5 वर्ष तक के लिए दी जाएगी।
योजना के लिए कैसे आवेदन करें
ये योजना नयी हैं और अभी तक राज्य सरकार ने इसकी सिर्फ घोषणा की है। इससे सम्बन्धित सभी जानकारी जल्द ही ज़ारी की जायेगी. इसके लिए इच्छुक अभ्यर्थी हिमाचल प्रदेश के ऑथोराईजड़ पोर्टल के द्वारा अप्लाई कर सकते हैं। यदि नहीं तो राज्य सरकार जल्द ही स्कीम सम्बन्धित अलग साईट को लांच करेगी।
स्कीम के लिए बजट
इस योजना के अंतर्गत युवाओं को नए अवसर और रोजगार देने के लिए हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार ने 80 करोड़ का बजट आवंटित करने की घोषणा की है यदि और ज्यादा फण्ड की जरूरत हुयी तो इसके लिए आवंटित राशि को बढाया भी जा सकता है।