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आयुष्यमान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) लांच होने के एक महीने के अंदर लगभग 1.5 लाख लोग लाभांवित : जे.पी.नड्डा

प्रकाशित तिथि : 03/11/2018
Aayushman Bharat PMJAY

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी.नड्डा ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आयुष्यमान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) से 1.5 लाख लोग लाभांवित हुए हैं। उन्होने कहा कि योजना के शुरू होने के पहले महीने में ही 225 करोड़ से अधिक रुपये दिए गए हैं। योजना 23 सितंबर को शुरू हुई थी।

श्री नड्डा ने कहा कि पीएमजेएवाई पात्रता आधारित योजना है। यह योजना 10 करोड़ से अधिक गरीब औऱ कमजोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) को माध्यमिक और विशेषज्ञ श्रेणी के अस्पतालों में इलाज के लिए प्रति वर्ष प्रति परिवार पांच लाख रुपये तक का कवरेज प्रदान करेगी। परिवार के सभी सदस्यों विशेषकर लड़कियों और वरिष्ठ नागरिकों का कवरेज सुनिश्चि करने के लिए परिवार के आकार की कोई सीमा नहीं रखी गई है। सेवाएं सरकारी तथा पैनल में शामिल निजी अस्पतालों दोनों में कैशलेस और कागज रहित हैं। यह योजना देश में कहीं भी पोर्टेबल है।

श्री नड्डा ने कहा कि पीएमजेएवाई अस्पताल में इलाज पर भारी खर्च की कटौती में मदद देगी और स्वास्थ्य समस्या के कारण वित्तीय जोखिम को दूर करने में सहायता देगी। उन्होंने कहा कि परियोजना के पात्र परिवार वित्तीय बाधा के बिना अच्छी स्वास्थ्य सेवा का उपयोग कर सकेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह योजना 33 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में लागू की जा रही है। इन राज्यों ने केंद्र के साथ समझौता ज्ञापन किया है। उन्होंने बताया कि पीएमजेएवाई में 1350 पैकेज शामिल किए गए हैं और पैनल में 14,778 अस्पतालों को अब तक शामिल किया गया है।
आयुष्यमान भारत कार्यक्रम के दो घटक हैं। पहले घटक के अंतर्गत स्वास्थ्य और आरोग्य (वैलनेंस) केंद्रों के माध्यम से सार्वभौमिक और व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी। स्वास्थ्य सेवा, उप-स्वास्थ्य केंद्रो (एसएचसी) तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में उपलब्ध कराई जाएगी।कार्यक्रम का दूसरा घटक प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान (पीएमजेएवाई) है।

श्री नड्डा ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए 1,50,000 उप-केंद्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को 2022 तक स्वास्थ्य और आरोग्य (वैलनेस) केंद्रों में चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा। स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों गैर-संक्रमणकारी बीमारियों, मानसिक स्वास्थ्य, ईएनटी, नेत्र, ओरल हेल्थ, जरावस्था, बीमारी तथा पैलियेटिव हेल्थकेयर और ट्रॉमाकेयर सेवाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने बताया कि राज्यों में अभी तक 2913 स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र काम कर रहे हैं।